मध्य प्रदेश

Shahdol MP: सेवानिवृत्ति केवल एक यात्रा का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत : विभागध्यक्ष प्रो. तारामणि श्रीवास्तव।

Shahdol MP: बहुत अनूठा होता है गुरु और शिष्य का रिश्ता – विभागध्यक्ष प्रो. तारामणि श्रीवास्तव।

सेवानिवृत्ति केवल एक यात्रा का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत।

समाजशास्त्र विभाग द्वारा विभागाध्यक्ष समाजशास्त्र को दी गई भावभीनी विदाई।

शहडोल। पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय की कला संकाय तथा समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. तारामणि श्रीवास्तव ने कहा है कि गुरु और शिष्य का इस दुनिया में सबसे अनूठा रिश्ता रहता है। वही रिश्ता मेरे और मेरे बच्चों के बीच में रहा है। आज मैं 41 साल से अपने शासकीय दायित्वों का निर्वहन किया तथा इस दौरान मुझे अनेकों विद्यार्थियों का पढ़ाने का मौका मिला, जो मेरे जीवन के सबसे अनमोल पलों में से एक थे। आज मैं शासकीय सेवा से सेवानिवृत हो रही हूं, परंतु यह विश्वविद्यालय मेरा परिवार है और मैं यह परिवार की हमेशा ही सदस्य रहूंगी। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति केवल एक यात्रा का अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत है। पंडित शंभूनाथ शुक्ला विश्वविद्यालय की कला संकाय तथा समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. तारामणि श्रीवास्तव आज समाजशास्त्र के में आयोजित विदाई समारोह में एम.ए. तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों को संबोधित कर रही थी।

इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. नीलिमा खरे ने कहा कि विभागाध्यक्ष डॉ. तारामणि श्रीवास्तव प्रेरणा स्रोत है, उन्होंने समाजशास्त्र विभाग को हमेशा ही नई ऊंचाइयों तक ले जाने का कार्य किया है। आज मुझे श्रीमती श्रीवास्तव के साथ लगभग 21 वर्ष कार्य करते हो गया। यह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सहायक प्राध्यापक डॉ. सिद्धार्थ मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. तारामणि श्रीवास्तव के साथ कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, यह मेरे लिए अत्यंत गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि मैंने शुद्ध मन एवं विचार के साथ हमेशा ही समाजशास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष के मार्गदर्शन में कार्य किया। विभागाध्यक्ष तारामणि श्रीवास्तव सदा ही मेरी प्रेरणा और मार्गदर्शन रही है। इसी प्रकार सहायक प्राध्यापक डॉ. जितेंद्र सेन ने कहा कि प्रो. तारामणि श्रीवास्तव सदा ही भगवान कृष्ण की भांति हम सभी का मार्गदर्शन कर हमारे प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया। प्रो. तारामणि श्रीवास्तव जहां भी रहे हमेशा ही स्वस्थ रहें, उन्होंने शुभकामनाएं दी।

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